मेरे
पहेले के पोस्ट आज से ३-४ साल पहेले लिखे गाहे थे... तब में और अब में बहुत सी सितुअतिओन्स
बदल चुके है... अब से में जो भी पोस्ट लिखूंगा वो प्रेजेंट सितुअतिओन्स के बारे
में होंगी...
What I Think Is Here...
Thursday, February 20, 2014
Monday, May 2, 2011
याद बहुत आएगी...||
मैंने अपनी लास्ट पोस्ट 3 सेम में अपडेट करी थी, और आज जबकि मेरा कॉलेज ख़तम होने वाला है और में होपेफुल्ली पास आउट होने वाल हूँ तोह यह सूच था हूँ की वोह भी साल एक टाइम था जब मेरे ब्लॉग पड़कर लोग बोलते थे "भाई क्या लिखा है एंड कीप पोस्टिंग..." आज 6 सेम ख़तम हो चूका है और एक तरह से मेरा कॉलेज ख़तम हो चूका है और अब मैंने यह फैसला किया है की पुणे चोर ने से फेले एक बार आकरी बार तोह यह ससुसरा ब्लॉग तोह ज़रूर अपडेट किया जाएगा...
में इस बार फिर एक बार अपनी ही पेरसोनल लाइफ पर ही रौशनी डालूँगा और बताऊँगा की मेरे अनुसार, मेरा यह SIMC का सफ़र कैसा रहा ||
में जब पहेली बार कॉलेज आया था, रूम नो. 601 में मेरी पहेली क्लास थी और श्री हरी सर ने पहेली क्लास ली थी, और यह बात सन 2008 की है... उस समय में जैसे ही पहेली बार क्लास में इंटर किया था साला ऐसा लगा की पता नहीं में कहा आ गया था, अंग्रेजो के बीच या कुछ ज्यादा ही होशियार लोगो के बीच | उस समय तक में सिर्फ raghav, manna लोगो को ही जानता था और उन्ही के साथ जाकर बेहत जाता था || समय निकल था जा रहा था और मुझे ऐसा लगता था की में ही यहाँ पर हिंदुस्तान के सबसे पिच्रे सहर से आया था, और मन में एक चीस बेहत गहि थी की जाने से पहले "i'll make sure before i leave college, every one over here know that, what is moradabad and where is moradabad" लेकिन समय भीता गया और समाज में आया की ऐसा नहीं है भाई लोग तोह्रह बहुत जानते है हम्हारे सेहर के बारे में और हमहरा सेहर इतना फीचर हुआ भी नहीं है...||
समय और बीता और Freshers आई... पुणे आने से पहले मैंने आजतक दारु को कभी हाथ तक नहीं लगाया था मगर वोह ही बात है न उस दिन पहेली बार दारु ढेकी सामने, और देखा की कोई रोखने वाला भी नहीं थो सूचा की चलो बेटा, एक peg थो बनता है.... और वोह एक एक करके साला 8 peg डाउन होगया, उसके बाद साली sirt भी उतर गहि और बाद में फट गहि Area 51 की पार्टी ख़तम हिया बस में Swati से लरही हुई और फिर जब में अगले दिन कॉलेज में पहुचा देखा की लोग पूछ रही है की "Ayush Garg Kaun Hai" क्युकी की वोह इतना पिया हुआ था की साले को होश तक नहीं था सबके साथ नाचा पार्टी में... UKC को बीच में टोका भी जब वोह स्पीच दे रहा था... एटक वोह एक दिन था की लोग मुझे जान गाहे थे "by face or by name" मगर अभी भी सिर्फ कुछ लोगो को चोरकर सबको नहीं जानता था, जब में स्कूल में था ऐसा कोइ बचा नहीं था पुरे स्कूल में की वोह मुझे न जानता हो या में उसे न जानता हूँ मगर कॉलेज में यह सितुअतिओन लाना तोह्रह मुश्किल था मगर में जानता था की यह नामुनकिन नहीं है....
Raghav ने मेरा introduction 2123 से कराया और वोह टाइम था और आज का टाइम है में गर्व के साथ यह बात बोल सकता हूँ की वोह सबके सब आज तक फ्रॉम 2008(college started) -2011(college ended) तक मेरे आचे या कहे की काफी आचे दोस्त रहे... और मुझे इस बात की बहुत कुशी है...
हाँ लड़की बाज़ी में भी बहुत पड़ा में मगर आकिर में मिला सिर्फ एक ठेंगा बात साली इतनी बरही की एक रात में 20 सिगरेटे हो गहि और सुबह तक में ओस्पितल में पहुच गया लेकिन गरिमत है की जब तक में फ्लैट में शिफ्ट हो चूका था और Manna, Nair जैसे लोग मेरे फ्लैट मेट थे और मुझे अची तरह याद है की जब अपने सारे दोस्त लोग हॉस्पिटल आय थे मुझे धेकने के लिया, इतनी गालिया पढ़ी थी न मुझे की में बयान नहीं कर सकता हूँ, Suhani, nagesh तोह साला मुझे दो तीन चाते भी दे दिए थे. कसम से में वोह हॉस्पिटल का वोह पल कभी नहीं बूल सकता जब डॉक्टर मेरे पास आता है और बोलता है की तुम कैंसर की पहेली स्तागे में जा सकते हो... फट गहि थी.......
SHADOW एक बहुत ही इम्पोर्तंत हिसा इस कॉलेज लाइफ का, में अपनी लाइफ में वोह ट्रिप तोह कभी नहीं बूल सक तह , Nagesh, Pranay, UKC, Rohti, Dhruv, Udit.... यह सब लोग जब मेरे दोस्त बने ना जब मुझे ऐसा लगा की बस बहुत है... इन जैसे लोग बस हमेशा साथ रही और सब सही है...
इस कॉलेज ने बहुत कुछ दिया industry में एक नाम दिया, एक पहेचान दी और उसे ज्यादा इतने सारे खुबसूरत दोस्त दिए, और वोह बहुत है ||
कुछ चीसे जो मुझे हमेशा याद रहेगी कुछ लोगो ने जो मेरे बारे में या मुझसे कही थी : GINI : I am proud of you... during 5th Sem internship, यह बस वोही सज सकती है...
इस कॉलेज ने बहुत कुछ दिया industry में एक नाम दिया, एक पहेचान दी और उसे ज्यादा इतने सारे खुबसूरत दोस्त दिए, और वोह बहुत है ||
कुछ चीसे जो मुझे हमेशा याद रहेगी कुछ लोगो ने जो मेरे बारे में या मुझसे कही थी : GINI : I am proud of you... during 5th Sem internship, यह बस वोही सज सकती है...
Dhruv : On hi b'day, what ever he said.
Prachi : की वोह बविशव वाली बातें.
Udit : लाल बाटी लेने मेरे साथ यह ही गया था ....
nagesh, pranay, ukc, rohit, के साथ भिताही हुई वह अनगिनत रातें एअरपोर्ट पर... Sourjo जैसे में दिमाग वाले आदमी में कभी नहीं भूलूंगा... Dipen जैसा tanker कभी नहीं भूलूंगा..... Naman, Tanay के साथ तोह पूरा एक सेम बिताया है कभी नहीं भूल सकता हूँ, Naman was the first one jisne muje ek movie mein shoot करने का फैसला किया था हालाकि वोह मूवी आई नहीं मगर बहुत बहुत सुक्रिया Naman...
बीजेपी मैंने पहेली बार पुणे में ही ज्वाइन करी, कभी नहीं भूलूंगा की एक UP वाला Maharashtra में आकर राजनीती करी ||
और फिर वोह एक आखी हुम्हारी बीके ट्रिप तो लोनावालो, और तोह उल्तिमाते थी हमेशा याद रखने वाली, bhanu vipul बहुत याद आयेगे, आयेगे है क्युकी याद आने वाली चीस है ये, बबलू अपने बार मस्त है, कोय कोय चाँद है, bhanu अपने कुदरत का बचा है, कही भी चरेगा , कुछ भी करेगा, मगर जो भी कहो भानु ही हमेशा मुझे Uttrakhand की याद धिलाथा था...
Pranay की वोह diary जिसमे पूरा इतिहास ही अ=उसकी तोह एक कॉपी में अपने साथ सरुर लेकर जाऊँगा...
Mausi की चाय बजिया बहुत याद आएगी.... वोह taste और कही नहीं मिलेगा...
साला याद बहुत आएगी इस पुणे की, पुणे में बीते इन पालो की.... QRT/Poice जो कमसे कम यहाँ पर हुम्हारा चालान तोह काट लेती थी, वहा देलही या मोरादाबाद में कौन काटेगा...
कुछ भी कहो, याद बहुत आएगी...
कुछ भी कहो, याद बहुत आएगी...
Manna के लिए कोई शब्द नहीं ही...
Tuesday, November 24, 2009
SEMISTER IIIrd n SoMe ExPeRiAnCe WhIcH ShOuLd Be ShArEd... <3
I updated my blog long time back, today i thought lets up date it as kal toh chutti hai, toh soo kar kya karna hai...
About This Semister ::::
As A स्टुडेंट में पहेली बार फ्लैट में रहने जा रहा था , न जब में पुणे आया ठाट तोह पहेली चीस जो मैंने अपने एक अजीस दोस्त से कही थी की भाई हमने फ्लैट तोह ले लिया है but sure that girls should not enter this flat at all, i said so becoz us samay गम तासे थे दिल टूटे हुए ज्यादा समय नही बीता था और बस अब अपने में ही रहना चाहता था मगर समय बीता गया लोग आते रहे, जो लोग आते थे वोह मेरे दोस्त होते थे तो कभी कोई आपति नही हुई, मगर कभी कभी बहुत बुरा भी लगता था क्युकी ऐसा लगता की घर में तीन नही सिर्फ़ एक कमरा है. और घर में चार, पाँच लोगो के होते हुए लग्तहा की घर में सिर्फ़ एक जन है वोह भी सिर्फ़ तुम, that was one one the worst time i ever faced in this semister, n i think so ki that was the only worst thing of this semister.
I came this semister with 1 hard core dusman of mine that is raghav but use kabhi aisi chir nahi thi ki i dun want to solve it out. Things happen in this semister that we tried to talk n solve it out but, at a time ek hi chees hoti hai so becoz of several things we couldn't talk but didn't want to take any aaltu faaltu thing bak home, So we met on the airport that too on the last nite of this semister, had a talk enjoyed a lot n now again we now frndz jaise phele the.
But still there is one person out there Jisko log PG ka raja bolte hai, i dun know kya hua uske saath - baat hi band ho gahi use. N till today its a mystrey for both of us. N one thing ki i din know ki wat is wrong wid "manna"???
For ONE THING FOR WHICH I WOULD LIKE TO THANK GOD, THAT IN THIS SEMISTER APART FROM ALL THIS GOD GAVE ME SOOOOOOOOO MANY GOOD FRIENDS LIKE NAMAN, TANAY, NAGESH,UKC,PRANAY,SAP,UDIT N ALL SHADOW GROUP....... THANK YOU GOD N OFFCOUSE MEGHA now one of my VERY GOOD FRIEND :)
Now we left pune n came to do our projects or say internship.
Being a part of symbiosis family, i realized when i entered into the industry for the very 1st time in my life in a formal way, that is for interview on 10th Nov'09 that to in Zee News.
1st questio they asked me :
Q अच्या तोह आप कहा पड़ ते है।
A Sir i am studying in symbiosis pune.
Q ओके !!! सो आप स्य्म्बिओसिस में पड़ते है, तो तोह आपको काफ़ी अची knowledge hogi media ke baare mein ??
A हम्म्म (एक दम चुप, पिन ड्रॉप सिलेंस इन थे रूम)
Q So, tell me की उत्तर प्रदेश विधान सभा में कितनी सीठे है??? लोक सभा में कितनी सीठे है, अच्या उत्तरांचल विधान सभा में कितनी सीठे है???
A mine 1st n 2nd anwerwer rite abt UP vidhan sabha n loksabha n for the 3 rd one सर पता nahi कितनी hai ।
Q Ok !!!Thank You
And after few mins i came to know from the top management that i was rejected by the interviewer, n now i have intern under the same person who has rejected me. (Don't Be suprise jugaad se internship toh lag hi jaati hai atleast).
Now every day i have to be there atleast for 9 hours any how, but itne saare top shots ke beech mein rehne ka maza hi kuch aur hai. As My DESK INCHARGE IS Mam'm Sheetal Rajput, person who coverd Tsunami, Iraq for Zee News, जब भी वोह बोलती है बात ही कुछ और होती है उनकी. I love it....
Now i am feelin sleepy
n i will update my blog soon.
Thanks For Reading :)
AYUSH GARG
Wednesday, August 5, 2009
रात के मुसाफिर !!!
सोचा था की, आराम से कमरे में बेहत के लैपटॉप में मूवी देखूँगा और मज़े करूँगा | मतलब की अद्लब के पैसे बचाऊंगा मगर तभी एक कॉल आया और और जाना पड़ा और उस समय सुरु होगाया हुम्हारा रात का सफर। पहेले तोह मस्त मूवी देखि, कुभ "लव आग कल" किया उस समय तक तक तोह हम सिर्फ़ ४ लोग थे मगर एक और कॉल आता है और सवाल होता है "भेजाअन हम एअरपोर्ट पर है, आप कहा हो" और जवाब में हम भी एअरपोर्ट पहुच जाते है । उसके बाद हम ४ से ८ लोग हो जाते है और फ़िर क्या था चार बइके और आठ लड़के। फ़िर क्या था अब तोह घर जा नही सकते थे, क्युकी ऐसे मौंके बार बार नही आते थे फ़िर सुरु होगया रात के मुसाफिर का सफर और उसके बाद कभी पेट्रोल पुम्ब तोह कभी हॉस्पिटल तोह कभी टपरी पर। टपरी पर बहते बहते हमें करीब दो जानते हो गया था और टपरी वाला भी हमसे परेसान होगया था तोह उसके बाद उमने वापस अपने और आप सबका "हिरा" की तरफ़ रुख किया और जा बहते फासोस के बाहर मगर हिरा के बगल में जब अरबियन देलिघ्ट्स की तरफ़ निगाह गहि तोह हुका पीना मन किया और हम पहुच गय अपने एक और दोस्त के घर जो भिचारा आराम की नींद सू रहा था। फ़िर क्या था उसको उठाया हुका बनवाया गाने लगवाय और दिल खोल के नाचे। इतनी देर में सूर्य देव ने दस्तक दे दी और कहा बेटा अब तोह सू जाओ, मगर एपी तोह हम आठ से नो हो गए थे। फ़िर हम निकले अपने सवेरा वाले के पास सूचा उसको लेंगे और उसका उलू काठेंगे मगर उसके चाकर फस गया हुम्हारा रेडियो मिर्ची और उसका काठ गया जब तक वहसे bhi साथ बज चुके थे। और सोने का थो कोई सीन ही नही था क्युकी अगर सू गए थो कॉलेज मिस हो जाता और हम में से कोई भी कॉलेज मिस करने की हालत में नही था जुस्त बेकाउसे ऑफ़ अत्तेंदेंस। मगर हमें किसी भी तरह समय तोह निकलना ही था फ़िर हमने सूचा क्यों न क्रिकेट खेला जाय, पहुच गए ग्राउंड में और सुरु कर दिया मैच, मस्त दो मैच कहले और नो बज गए, उसके बाद हमने सूचा आज क्यों न पहेली बार कॉलेज सबसे पहेले आया जाय, फ़िर हम लोग मस्त फटाफट से घर गए, तयार हुएय और सदनों तक कॉलेज अगय। साला अब तोह हर रूज़ कभी टाइम से नींद ही नही आती और जब तक रात में एक चाय न प्ही कर आजाते जब तक नींद ही नही आती। वोह कहते है ना की "प्यार में नींद बहुत आती है, कम्बक्त कभी हमसे कोई प्यार करके देखे नींद बहुत आती है" मुझे लगता है की अब मुझे भी प्यार करना परेह्का , उसके बाद ही में चैन की नींद सू पाऊंगा।
Friday, April 17, 2009
HEART-Core Semister !!!
From 5th Jan to 16th April. On the first nite of this sem we went to Soho had fun got drunk as usual. That was the first and the last time when we three guys were together n had our dinner outside. After that it was in group of two like MnA,MnI,AnI,InM. After it was never M, A n I. We planned on the last nite but due to personal problems one of our couldn't make it. In first semister i was a simple student, comin to class sittin at the bak n just sleepin but in this sem i was given a post of Class Representative, Social Communication Club Head and with that our Savera Campaign(jo ki kabhi huha hi nahi). It was the first time in my liufe that i quit smokoing 2 times that to not for the day, approx for then a week both of the times. Class Representative post was not mine it belong to all who shouted my name n raised their hand for me.Social Comm Club was given to me by Shayama Mam (Thanx A Lot Mam), we didn't had even a single activity this semister. In the last but not the least SAVERA Campaign how can we forget that one, that was the fun being co-representative of savera campaign because we five who were the representavi of savera never ever sat together n discussed about the next step to be taken about Savera. But all those who were the part of savera dun worry guys in the next sem we will rock i promise. As i always say kabhi bhi kisi ko kisi ka barosa nahi thorna chahiye but the CR post was given this time to me n i tried to make it possible that thier should not be even a single proxy case in this semister at least from Sec : A because was the love n faith of section a guys n girls which made me their representative. i made sure that when ever any one needed any help i was there n tried to solve their problem n any manner, if any one needed n an genuine reason is there then i gave their proxies for thier one class,day,week, or a month . I was there to help them out doesn't matter that of he/she said thanx to me or not because i was doin my work. I am for the people, of the peoplw and by the people. One slogan i always say "Tum Muje Samathan Do, Mein Tumhe Pariwartan Dunga" what i say i always mean it . Yeh toh hoga hi college ki batein chalo ab kuch dosti , pyaar aur ekraar, daraar ki batein kar lete hai. Those who have read my last posts know that was totally chides or can say a type of frustration came out through blog. After that a lot-lot of misconception taken place n got into me in trouble n then i apologize n bla bla bla not to be discussed public ally (this is what i learned kahate hai na "Ghar Ki Baat Ghar Mein Hi Rehni Chahiye" warna faaltu ke bawaal kare ho gaate hai-apni naau toh dubne se bachane se na sake, chale dusre ki bachane. I thing toh i will sarur say that if i would have given a chance to explain my self - i would have explained it and at least dosti aur barosa toh bacha leta jo ki ab sirf ek dikaawa ban ke reh gaya hai.
Few of them best moments of this semister was from 9th feb to 12th feb (holidaz after Dam n Foc), on 14th feb night then i tried to bring on the last few days of this semister but couldn't make it. One thing that i have noticed in SIMC that if if a guy n girl roams together, hav dinner together, go for a movie or shopping then people start asking or can say they start telling that "there is sumthin wrong goin on in both of them r both of them goin around" whts wrong wid u my dear frndz this can be the relationship that u hav wid ur brother or ur sister. This is the relationship is called bhai-behan ka rishta n tum log galat sochte ho. Let me tellin you one thing very care fully that i am not talking about any one aur two particularly. This is what i have observed in 1year here at SIMC.
This semister was too different for me in context of friends n friendship. Because as in first semister i made soo many friends but from the beginning it self only i was started losing my friendship n this thing was continue till the last night of this semister. Most of the times i give a dam about all those dun even care they are alive or not but in this semister according to me remaining ones guys n four numbers are more then enough to explain them that is 2123, i think this semister brought me much more closer to all of them n only 2 guys. Its true ki kaafi kam time do logo ki soch milti hai but maximum times its not there n a draar creates between both of them but doesn't matter koi bhi kisi ke kitne bhi kaan bar le if u trust on that person then u should think u r the best one that u have sumeone on whom u can trust n can ask any thing, anythelp, anytime with out any hesitation. N then he will also think that yes i have sumeone special who even have any problem, any time will ask u. U dun hav to see here there wasting time that person is ok or not or hav any problem or not. Atleast that thing toh never break ur heart like any thing else n u will not do any thing else faltu mein jise tumhe hi face karna pade.
Sumjo Is Baat Ko
Socho Is Baare Mein.
Sirf Paise Kach Kiye N Hai I agree
Sikha bhi but
Photoshoot Ke Siva Kya Kiya ,
Recording which was the replacement of 1min. movie makin. According to our practicals list we were supposed to make 1 min movie but we did i min recording n we were the happy ones.
Kuch Karna Padega
System Badalna padega.!!!
Regards,
Ayush Garg
Saturday, January 17, 2009
Misconception Still Continues
U all know what i don't know what to write right now but i am feeling like writing any thing at this point of time. Today early in the morning one of my best friend left for her hometown because she was not well and was admitted in hospital from past 3 days and after that also their was no improvement in her health so, in that case she was recommended that she should go back to her home town because in the vigilance of her parents she will be care more and in better way then by her friends. Few days back i went her hometown just her and one of my classmate. After reaching their she came to the station n felt like i am on the 9cloud. I went their for only for 10 days out of which my 1st,2nd and last was the best days of my trip because these three days only i spended time with her- just few hours but i felt very good. When i was there i came to know alot things which i couldn't belive also. And after comin back from her hometown i didn't even call her atleast for 10-15 days Continuously and pretviously i used to call her atleast once or twice in a day because i just wanna to listen her voice that's it.U know that u r much n much more smart then me but my Heart is clear their are and were not any After coming to college also i tried to ignore her but i couldn't because it was like 'some is running from his shadow'. When She was not well i couldn't stop my self as still for me tho she was my bestfriend atleast for me . And i tried to give my best for her but last i came to know that she thought for me it was 'chace par dance' . Let me tell u that were not even any intension. I was caring u because i like u as u r my bestfriend. An I am sorry agar i have done any mistake - tell when i am wrong and listen . I Promise . Now I am not in a state to write further because this much only has made me cry....
Subscribe to:
Posts (Atom)